Top 6 Adventure Tourism in Uttarakhand

उत्तराखंड (Uttarakhand) एक स्वर्गीय गंतव्य है, जो यहां सभी पर्यटकों (Tourists) को विभिन्न साहसिक गतिविधियों और देवभूमि (Adventure Tourism in Uttarakhand) उत्तराखंड के एडवेंचर टूरिज्म की पेशकश करता है। यहाँ का एडवेंचर टूरिज्म (Tourism in Uttarakhand) भारत के इस हिमालयी राज्य के समग्र पर्यटन उद्योग में अधिकांश भाग में योगदान देता है।

Adventure Tourism in Uttarakhand
Adventure Tourism in Uttarakhand

10 Interesting Things of Uttarakhand

 वैसे तो देवभूमि उत्तराखंड (Uttarakhand) को ढेर सारे ऋषियों मुनियों ने अपनी तपस्या, साधना से सजाया है। यहाँ घूमने निकलेंगे तो पूरा उत्तराखंड ही अपने आप में ख़ासमख़ास है। यहाँ हवा इतनी निराली है, कि यहाँ हर जगह पर चार चाँद लग जाते हैं। कहा जाता है कि अगर अपने घूमने का प्लान बनाया है और ये उत्तराखंड एडवेंचर जगहें (Adventure Tourism in Uttarakhand) नहीं देखीं तो, यहाँ आपको बाबा भोले और माता देवी; दोनों का पाप चढ़ेगा, ऐसा समझ लीजिए।

श्रद्धालुओं का गढ़ उत्तराखंड काहे चाहे देवभूमि उत्तराखंड, घूमने वाले पर्यटक इसको 2 भागों में बांट देते है, एक वो जो सिर्फ धार्मिक स्थल घूमना चाहते और दूसरे वो जो उत्तराखंड कि रोमांचक स्थल पर जाना चाहते है, पर उत्तराखंड देवभूमि के द्वार सभी श्रद्धालु और घूमने वालो के लिए 12मास खुले रहते है।

उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन (Adventure Tourism in Uttarakhand)

कहते हैं ऋषि मुनियों ने सैकड़ों साल तपस्या करके इसे दिव्यभूमि बनाया है, जिसका वैभव पाने के लिए श्रद्धालु मीलों की यात्रा करके अपने भगवान के दर्शन को आते हैं। देवभूमि उत्तराखंड, जिसकी हवा में है गंगा आरती की सुगन्ध, छोटे चार धाम की पथ यात्रा और पंच प्रयाग से लेकर भगवान शिव जो समर्पित पंचकेदार, भगवान विष्णु जी को समर्पित पंचबद्री तक को स्वयं में समेटे है और यहां के पहाड़ो की ढेर सारी शीतलता।

गढ़वाल घाटी देहरादून, पौड़ी, चमोली, टेहरी गढ़वाल, हरिद्वार और रुद्रप्रयाग तथा कुमाऊँ घाटी अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत, नैनीताल, पिथौरागढ़ और उधमसिंह नगर जैसे खूबसूरत जिलों को जोड़ती है – इन सभी जगहों पर ऊँचे ऊँचे हिल स्टेशनों की अधिकता है, कुछ जगहें तो हाल ही में बेहद लोकप्रिय हुई हैं लेकिन अब भी कुछ ऐसी जगहें मौजूद हैं जिसे एक्स्प्लोर करने की ज़रूरत है।

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उत्तराखंड के एडवेंचर टूरिज्म (Adventure Tourism in Uttarakhand) से आज भी बहुत से पर्यटक अनछुए है, वही जो पर्यटक यहां एक बार आते है तो वे अपने आप को दुबारा यहां खींचे चलते आते है। यहां ऋषिकेश में गंगा की उथल पुथल में राफ्टिंग हो, चाहे यहां के वाइल्डलाइफ के सवारी हर कोई यहां एडवेंचर करना चाहता है।

यहां के ऊँचे पहाड़ो में ट्रैकिंग करना कोई आसान बात नहीं है, पर एक बार सफर पर निकले चले तो फिर कठिन से कठिन रास्ता भी आसान लगने लगता है। वैसी तो उत्तराखंड अपने आप एडवेंचर टूरिज्म से भरा है पर बात करे खास टूरिज्म जगह की जो हर पर्यटक को उत्तराखंड के तरफ खींचे चले आते है।

उत्तराखंड में शीर्ष 6 साहसिक पर्यटन (Top 6 Adventure Tourism in Uttarakhand)

1. वाटर रिवर राफ्टिंग (Water River राफ्टिंग)

Tourism in Uttarakhand
Tourism in Uttarakhand

सुकून में समय बिताना हो या फिर अपने दोस्तों के साथ मौज-मस्ती वाली ट्रिप हो, ऋषिकेश से बेहतर कोई स्थान हो ही नहीं सकता। गंगा की लहरों पर राफ्टिंग का रोमांच हो या फिर गंगा तट पर योगाभ्यास करें, यहां पर आपको भरपूर आनंद मिलेगा। जब कोई रिवर राफ्टिंग के बारे में बात करता है तो सबसे पहले ऋषिकेश का नाम आता है।

  • ऋषिकेश में शिवपुरी रिवर राफ्टिंग लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है, क्योंकि यह से सर्वश्रेष्ठ रिवर राफ्टिंग सुनिश्चित करने वाले सर्वश्रेष्ठ नदी रैपिड्स प्रदान करता है।
  • रिवर राफ्टिंग के लिए ऋषिकेश जाने के लिए सबसे उपयुक्त समय सितंबर मध्य से दिसंबर तक और मार्च के शुरू से मई तक है।

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2. वाटर स्पोर्ट्स (Water Sports)

उत्तराखंड, ऊँचे और शानदार पर्वत श्रृंखलाओं वाले, ट्रेकिंग और हाइकिंग के उत्साही लोगों के लिए सबसे अच्छा एडवेंचर जगह प्रदान करता है। उत्तराखंड के सबसे लोकप्रिय ट्रेकिंग स्थलों में से कुछ काकभुसंडी ट्रेक, चंद्रशिला ट्रेक, देवरिया ताल ट्रेक, रूपकुंड ट्रेक, फूलो के घाटी ट्रेक, पिंडारी ग्लेशियर हैं।

ट्रेकिंग के लिए उपयुक्त समय ट्रेक करने से लेकर वहां पहुंचने तक निर्भर करता है, लेकिन भूस्खलन के जोखिम के कारण मानसून के मौसम किसी भी पर्वत पर ट्रेकिंग से बचना चाहिए। ट्रेकिंग करना जितना आसान लगता है उतना यह जोखिम से भरा सफर होता है।

3. बंजी जंपिंग (Bungee Jumping)

बंजी जम्पिंग एक ऐसी गतिविधि है जिसमे एक ऊंची संरचना से एक बड़ी लोचदार रस्सी के साथ जुड़कर रहते हुए कूदना होता है।

  • उत्तराखंड ऋषिकेश में विश्व स्तरीय बंजी जंपिंग की सुविधा प्रदान करता है।
  • ऋषिकेश में मोहन चट्टी में स्थित, “जंपइन हाइट्स” देश का सबसे ऊँचा बंजी जंपिंग स्पॉट है।
  • यह भारत का एकमात्र स्थान है जहां बंजी जंपिंग एक निश्चित प्लेटफॉर्म से किया जाता है।
  • बंजी जंपिंग के लिए सबसे अच्छा समय वास्तव में वर्ष के किसी भी समय है, हालांकि मानसून के समय में इससे बचने की सलाह दी जाती है।

4. पैराग्लाइडिंग (Paragliding)

उत्तराखंड की ऊंचे पहाड़ियाँ पर समतल स्थानों पर पैराग्लाइडिंग के लिए एक उचित स्थान हैं। उत्तराखंड में पैराग्लाइडिंग स्थानों में से कुछ नौकुचियाताल, भीमताल, पिथौरागढ, देहरादून और ऋषिकेश हैं।

  • यह नौसिखिया से लेकर और अनुभवी उत्साही दोनों के लिए अत्याधुनिक पैराग्लाइडिंग अवसरों की एक श्रृंखला की पेशकश की जाती है।
  • लंबी दूरी तय करने के लिए कोई भी क्रॉस-कंट्री पैराग्लाइडिंग का विकल्प चुन सकता है।
  • उत्तराखंड में पैराग्लाइडिंग के लिए सबसे उपयुक्त समय मई से सितंबर तक है।

5. वन्यजीव सफारी (Wildlife Safari)

उत्तराखंड में कॉर्बेट और राजाजी राष्ट्रीय उद्यान पर्यटकों के बीच अपने प्रसिद्ध वन्यजीव सफ़ारी के लिए काफी प्रसिद्ध हैं। कॉर्बेट पार्क भारत का पहला राष्ट्रीय पार्क है, जो सन् 1936 ई. में स्थापित हुआ, पहले इसका नाम हैली नेशनल पार्क था। यहां सफारियों को कई क्षेत्रों में जीपों के माध्यम से और हाथी की पीठ पर बैठ कर के, वन्यजीवों के दृश्यों को बेहतरीन तरीके से देखा जा सकता है। हालांकि कॉर्बेट नेशनल पार्क और राजाजी नेशनल पार्कों में साल के दौरान कभी भी जाया जा सकता है, लेकिन वाइल्डलाइफ सफारी के लिए सबसे उपयुक्त समय नवंबर से फरवरी तक है।

6. स्कीइंग (Skiing)

उत्तराखंड में सबसे लोकप्रिय साहसिक खेलों में से एक है स्कीइंग। औली में औली स्कीइंग रिज़ॉर्ट विश्व स्तरीय स्कीइंग सुविधाओं की पेशकश के लिए जाना जाता है। यहां कि प्राकृतिक ढलान स्लैलम और क्रॉस-कंट्री जैसी कई स्कीइंग प्रतियोगिता के लिए उत्कृष्ट अवसर प्रदान करते हैं। औली में स्कीइंग के लिए सर्वोत्तम समय अवधि नवंबर से मार्च के महीनों के दौरान है।

Kathgodam Gateway of Kumaun

  • गढ़वाली में औली को औली बुग्याल अर्थात् “घास के मैदान” के नाम से जाना जाता है।
  • औली जोशीमठ से सड़क या रोपवे के माध्यम से पहुंचा जा सकता है।
  • यहाँ से नंदादेवी, कमेट तथा दूनागिरी जैसे विशाल पर्वत चोटियों का मनोरम दृश्य दिखाई देता है.
  • आमतौर पर जनवरी से मार्च तक औली की ढलानों पर लगभग 3 मी० गहरी बर्फ की चादर बिछी होती है.

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